अश्क में भी हँसी है-1 / वर्तिका नन्दा

लगता है दिल का एक टुकड़ा रानीखेत के उस बड़े मैदान के पास पेड़ की छाँव के नीचे ही रह गया उस टुकड़े ने प्यार देखा था उसे वहीं रहने दो वो कम से कम सुखी तो है