मैना की शादी / शंभूलाल शर्मा ‘बसंत’

अमराई तो खूब सजी है मैना की है शादी, इसीलिए तो बगिया-बगिया कोयल करे मुनादी। पड़की, सुग्गा, श्यामा, बुलबुल इक से एक चिरैया, हँस-हँस मैना से बतियाएँ संग में है गौरैया। चूँ-चूँ, चीं-चीं, कूँ-कूँ कितने स्वर में गाएँ बढ़िया, ताक-धिना-धिन, फुदक-फुदक कर नाच रही हैं चिड़ियाँ। डाल-डाल पर पात सजा है मौसम है सुखदाई, शादी… Continue reading मैना की शादी / शंभूलाल शर्मा ‘बसंत’