लिफाफा / पंकज सुबीर

तुमने कहा था मेरे सारे पत्रों को जला देना मैंने वैसा ही किया प्रश्नी उस विश्वास का था जिसके चलते वो पत्र लिखे गये थे विश्वास करो मैंने सारे पत्र जला दिये केवल एक लिफाफा बचा लिया है तुम्हारे पहले पत्र का लिफाफा इस पर लिखा है मेरा नाम जो शायद तुमने पहली बार लिखा… Continue reading लिफाफा / पंकज सुबीर

घर / पंकज सुबीर

मेरा घर बुढ़ाने लगा है खांसती हैं दीवारे आजकल रात भर हालंकि डरती हैं कि कहीं मेरी नींद न टूट जाए इसलिये शायद लिहाफ में मुंह दबा कर खांसती हैं फिर भी मैं सुन लेता हूं और जान लेता हूं कि मेरा घर बूढ़ा होता जा रहा है