आपसे जब सामना होने लगा, ज़िन्दगी में क्या से क्या होने लगा। चैन मिलता है तड़पने से हमें, दर्द ही दिल की दवा होने लगा। ज़िन्दगी की राह मुश्किल हो गई, हर क़दम पर हादसा होने लगा। दोस्तों से दोस्ती की बात पर, फ़ासला दर फ़ासला होने लगा। जो ग़जल में शेर बनकर के रहा,… Continue reading आपसे जब सामना होने लगा / इकराम राजस्थानी
Category: Ikram Rajasthani
कैसी होगी तेरी रात परदेस में / इकराम राजस्थानी
कैसी होगी तेरी रात परदेस में, चाँद पूछेगा हालात परदेस में। ख्व़ाब बनकर निगाहों में आ जाएँगे, हम करेंगे, मुलाकाल परदेस में। बादलों से कहेंगे कि कर दे वहाँ, आँसुओं की ये बरसात परदेस में। रंग चेहरे पे लब पे हँसी दिल को चैन, कौन देगा ये सौग़ात परदेस में। तुमको महसूस होती नहीं जो… Continue reading कैसी होगी तेरी रात परदेस में / इकराम राजस्थानी