ख़ुद्दारियों के ख़ून को अरज़ां न कर सके / साहिर लुधियानवी

ख़ुद्दारियों के ख़ून को अरज़ाँ न कर सके हम अपने जौहरों को नुमायाँ न कर सके होकर ख़राब-ए-मय तेरे ग़म तो भुला दिये लेकिन ग़म-ए-हयात का दरमाँ न कर सके टूटा तलिस्म-ए-अहद-ए-मोहब्बत कुछ इस तरह फिर आरज़ू की शमा फ़ुरेज़ाँ न कर सके हर शय क़रीब आ के कशिश अपनी खो गई वो भी इलाज-ए-शौक़-ए-गुरेज़ाँ… Continue reading ख़ुद्दारियों के ख़ून को अरज़ां न कर सके / साहिर लुधियानवी

अहले-दिल और भी हैं / साहिर लुधियानवी

अहले-ए-दिल और भी हैं अहल-ए-वफ़ा और भी हैं एक हम ही नहीं दुनिया से ख़फ़ा और भी हैं हम पे ही ख़त्म नहीं मस्लक-ए-शोरीदासरी चाक दिल और भी हैं चाक क़बा और भी हैं क्या हुआ गर मेरे यारों की ज़ुबानें चुप हैं मेरे शाहिद मेरे यारों के सिवा और भी हैं सर सलामत है… Continue reading अहले-दिल और भी हैं / साहिर लुधियानवी

किसी को उदास देख कर / साहिर लुधियानवी

तुम्हें उदास सा पाता हूँ मैं काई दिन से ना जाने कौन से सदमे उठा रही हो तुम वो शोख़ियाँ, वो तबस्सुम, वो कहकहे न रहे हर एक चीज़ को हसरत से देखती हो तुम छुपा छुपा के ख़मोशी में अपनी बेचैनी ख़ुद अपने राज़ की ताशीर बन गई हो तुम मेरी उम्मीद अगर मिट… Continue reading किसी को उदास देख कर / साहिर लुधियानवी

भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागार से हम / साहिर लुधियानवी

भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागार से हम| ख़ामोश क्या रहेंगे ज़माने के डर से हम| कुछ और बड़ गए अंधेरे तो क्या हुआ, मायूस तो नहीं हैं तुलु-ए-[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”शाम”]सहर[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] से हम| ले दे के अपने पास फ़क़त एक नज़र तो है, क्यूँ देखें ज़िन्दगी को किसी की नज़र से हम| माना कि इस ज़मीं को… Continue reading भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागार से हम / साहिर लुधियानवी

मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे / साहिर लुधियानवी

मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे आज उन गीतों को बाज़ार में ले आया हूँ आज दुकान पे नीलाम उठेगा उन का तूने जिन गीतों पे रक्खी थी मुहब्बत की असास आज चाँदी की तराज़ू में तुलेगी हर चीज़ मेरे अफ़कार मेरी शायरी मेरा एहसास [असास=नींव; अफ़कार=लेख] जो तेरी ज़ात से मनसूब थे… Continue reading मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे / साहिर लुधियानवी

ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा / साहिर लुधियानवी

ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा रंगीन तो है बदनाम सही मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही इस रात की निखरी रंगत को कुछ और निखर जाने दे ज़रा नज़रों को बहक जाने दे ज़रा ज़ुल्फ़ों को बिखर जाने दे ज़रा कुछ देर की ही तस्कीन सही कुछ देर… Continue reading ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा / साहिर लुधियानवी

उदास न हो / साहिर लुधियानवी

मेरे नदीम मेरे हमसफ़र उदास न हो कठिन सही तेरी मन्जिल मगर उदास न हो कदम कदम पे चट्टानें खडी़ रहें लेकिन जो चल निकले हैं दरिया तो फिर नहीं रुकते हवाएँ कितना भी टकराएँ आँधियाँ बनकर मगर घटाओं के परछम कभी नहीं झुकते मेरे नदीम मेरे हमसफ़र… हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें… Continue reading उदास न हो / साहिर लुधियानवी

मायूस तो हूं वायदे से तेरे / साहिर लुधियानवी

मायूस तो हूं वायदे से तेरे, कुछ आस नहीं कुछ आस भी है. मैं अपने ख्यालों के सदके, तू पास नहीं और पास भी है. दिल ने तो खुशी माँगी थी मगर, जो तूने दिया अच्छा ही दिया. जिस गम को तअल्लुक हो तुझसे, वह रास नहीं और रास भी है. पलकों पे लरजते अश्कों… Continue reading मायूस तो हूं वायदे से तेरे / साहिर लुधियानवी

मैं ज़िंदा हूँ ये मुश्तहर कीजिए / साहिर लुधियानवी

मैं ज़िंदा हूँ ये मुश्तहर कीजिए मिरे क़ातिलों को ख़बर कीजिए ज़मीं सख़्त है आसमाँ दूर है बसर हो सके तो बसर कीजिए सितम के बहुत से हैं रद्द-ए-अमल ज़रूरी नहीं चश्म तर कीजिए वही ज़ुल्म बार-ए-दिगर है तो फिर वही जुर्म बार-ए-दिगर कीजिए क़फ़स तोड़ना बाद की बात है अभी ख़्वाहिश-ए-बाल-ओ-पर कीजिए