आँख में आँसू का / अकबर हैदराबादी

आँख में आँसू का और दिल में लहू का काल है है तमन्ना का वही जो ज़िंदगी का हाल है यूँ धुआँ देने लगा है जिस्म ओ जाँ का अलाओ जैसे रग रग में रवाँ इक आतिश-ए-सय्याल है फैलते जाते हैं दाम-ए-नारसी के दाएरे तेरे मेरे दरमियाँ किन हादसों का जाल है घिर गई है… Continue reading आँख में आँसू का / अकबर हैदराबादी