द्रोणाचार्य / हरकिशन सन्तोषी

द्रोणाचार्य क्या तुम इस देश के मनु को जानते हो? द्रोणाचार्य क्या तुम ‘तथाकथित वीर अर्जुन’ को जानते हो? द्रोणाचार्य क्या तुम ‘परमवीर एकलव्य’ को जानते हो? यदि नहीं तो आओ मैं तुम्हें इनका परिचय कराऊँ! तुम्हारे अन्तर्मन की व्यथा का नाम— है मनु तुम्हारे अन्दर के छल-कपट की शिक्षा का नाम— है अर्जुन तुम्हारे… Continue reading द्रोणाचार्य / हरकिशन सन्तोषी