पहल / हरीश करमचंदाणी

बच्चों को शोर मचाने से रोको मत बच्चों को सोने को मत कहो बच्चे सो जायेंगे तो जागेगा फिर कौन बच्चे चुप हो जायेंगे तो जगाएगा फिर कौन

पल पल मन / हरीश करमचंदाणी

एक दिन सुख मेरे पास दबे पांव आया उस समय मैं सो रहा था दुखो से घिरा था मैं बड़ी मुश्किल से बहुत देर से आई थी नींद मैं झुंझलाया हुई भारी कोफ्त झिड़क ही दिया उसे और वह भी दुःख हो गया एक दिन दुःख मुझसे बोला जाता हूँ तुम्हे छोड़ कर कहीं और… Continue reading पल पल मन / हरीश करमचंदाणी