आइना सीना-ए-साहब-नज़राँ है कि जो था / हैदर अली ‘आतिश’

आइना सीना-ए-साहब-नज़राँ है कि जो था चेहरा-ए-शाहिद-ए-मक़सूद अयाँ है कि जो था इश्क़-ए-गुल में वही बुलबुल का फ़ुगाँ है कि जो था परतव-ए-मह से वही हाल-ए-कताँ है कि जो था आलम-ए-हुस्न ख़ुदा-दाद-ए-बुताँ है कि जो था नाज़ ओ अंदाज़ बला-ए-दिल-ओ-जाँ है कि जो था राह में तेरी शब ओ रोज़ बसर करता हूँ वही मील… Continue reading आइना सीना-ए-साहब-नज़राँ है कि जो था / हैदर अली ‘आतिश’