वह बोल रही है / फ़रीद खान

वह अब बड़ी हो गई है । मैं उसकी उम्र की बात नहीं कर रहा । वह देश के चार-पाँच बड़े शहर घूम कर आई है । मानो उसने अभी-अभी चलना सीखा और दौड़ रही है । मानो उसने अभी-अभी भाषा सीखी और बोल रही उसकी तस्वीरों के शोर से समझ में आ रहा है… Continue reading वह बोल रही है / फ़रीद खान

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मेरा ईश्वर / फ़रीद खान

मेरा और मेरे ईश्वर का जन्म एक साथ हुआ था । हम घरौन्दे बनाते थे, रेत में हम सुरंग बनाते थे । वह मुझे धर्म बताता है, उसकी बात मानता हूँ, कभी कभी नहीं मानता हूँ । भीड़ भरे इलाक़े में वह मेरी तावीज़ में सो जाता है, पर अकेले में मुझे सम्भाल कर घर… Continue reading मेरा ईश्वर / फ़रीद खान

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