अंबर बीच पयोधर देखिकै / भँजन

अंबर बीच पयोधर देखिकै कौन को धीरज सोँ न गयो है । भँजनजू नदिया यह रूप की नाव नहीँ रविहू अथयो है । पँथिक राति बसौ यहि देस भलो तुमको उपदेस दयो है । या मग बीच लगै वह नीच जु पावक मे जरि प्रेत भयो है ।

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