किसनै देगी वोट इबकै के निशान सै थारा / अमर सिंह छाछिया

किसनै देगी वोट इबकै के निशान सै थारा।
बी.एस.पी. का रुक्का पड़र्‌हा यो भीम का नारा।…टेक

म्हारै भी रहा लाग बिराग यो नाम इसे के लेरा।
बी.एस.पी. का प्रधान खास यो मेरे घर पै आरा।
पिचासी परसेंट यो समाज जोर सारा ए लारा।
तीन तिहाई बहुमत इबकै आवैगा थारा।
यो विरोधी खास यो दुश्मन सै म्हारा…

फिरगी लहर होई मेहर देश बदलता आवै सै।
किते जाकै देख लियो जोर इसा का पावै सै।
बी.एस.पी. का केंडीडेट समर्थन थारा ऐ चावै सै।
फूली नहीं समाऊं मेरै भी जी सा आवै सै।
वोट इसे के देऊंगी मनै लागै जान तै प्यारा…

होई हार यो दिया मार ना नींद रात नै आई।
तूं सोण की कहरी सै इन नै रोटी तक ना खाई।
तेरा के दुखै सै बता साजन मैं भाज कै न आई।
वैद्य बुला तेरा ईलाज कर दे दे तनै दवाई।
हे रै दवा करै नहीं असर मैं जनता नै मारा…

होई जीत गाओ गीत खुशी आज मना लो।
सखी-सहेली एक हाण की सबनै उरै बुला लो।
मृगा जैसी डार थारी कदम एक मिला लो।
बरसे मीह-सा आवै जी सा रंग इसा ला लो।
अमरसिंह कहै शपथ दुवा द्यो फुल बहुमत आरा…