कविता सुनाई पानी ने-3 / नंदकिशोर आचार्य एक फूल में सारा सहरा खिल आता जैसे एक खिलखिलाहट में सारा जीवन एक पात में झर जाता सारा जंगल जैसे एक सुबक में सारा जीवन ।